इंदौर . कुख्यात भूमाफिया बॉबी उर्फ रणवीर सिंह छाबड़ा ने क्रिश्चियन कॉलेज से बीकॉम किया। खालसा कॉलेज में पिता के प्रभाव से सचिव पद का चुनाव जीतने के बाद धार्मिक आयोजनों की शुरुआत की। लोगों को धार्मिक यात्राएं कराईं और उन्हीं के दस्तावेजों पर जमीन की धोखाधड़ी का खेल शुरू किया। 1947 में पाकिस्तान से आए सिखों को मंडी भावदीन हायर सेकंडरी स्कूल के नाम पर राजमोहल्ला पर करीब दो एकड़ जमीन मिली थी। 15 जून 1997 में मंडी भावदीन हायर सेकंडरी स्कूल कमेटी (एमबी खालसा कॉलेज) के चुनाव हुए। बॉबी के पिता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इंदरजीत सिंह छाबड़ा के प्रभाव से बॉबी सचिव के पद पर चुनाव जीत गया। तीन साल का कार्यकाल था, जो वर्ष 2000 में खत्म हो गया। 15 नवंबर 2000 को बॉबी ने साधारण सभा बुलाकर कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ा दिया।
उस वक्त 10 हजार सदस्य थे, लेकिन नियमों में बदलाव कर बॉबी 10वीं पास व्यक्ति को ही सदस्य बनने का प्रावधान लेकर आ गया। एमबी खालसा हायर सेकंडरी स्कूल का नाम बदलकर खालसा एजुकेशन सोसायटी रख दिया। इस नियम के कारण सिर्फ 2 हजार सदस्य ही बचे और 8 हजार सदस्य बाहर हो गए। कमेटी में जो 2 हजार सदस्य बचे थे, वे बॉबी के खास थे। फिर सदस्यों का कार्यकाल तीन साल और कमेटी का कार्यकाल पांच साल कर दिया। वर्ष 2000 से 2020 तक कमेटी के चुनाव ही नहीं कराए गए। बॉबी ने उसके साथियों और शासकीय अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर खालसा कॉलेज पर कब्जा कर लिया। कॉलेज की बिल्डिंग और ग्राउंड किराए पर देने लगा। अब श्री गुरुसिंघ सभा के सदस्य जगजीतसिंह टुटेजा कहते हैं खालसा कॉलेज पर रिसीवर बैठाकर सरकार अपने कब्जे में ले और आर्थिक अनियमितताओं की जांच कराए।
जिन्हें मुफ्त यात्रा कराई, उन्हें बनाया सदस्य
बॉबी लोगों से मुफ्त दर्शन कराने के नाम पर वोटर कार्ड, बिजली बिल, चार फोटो सहित अन्य दस्तावेज लेता था। हर साल एक बड़ी यात्रा पर ले जाता था। इन्हीं लोगों के दस्तावेज का उपयोग कर संस्थाओं में सदस्य बना दिया और चौकीदार, ड्राइवर, कॉलेज के कर्मचारी, शिक्षक के नाम पर सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर संस्थाएं बना दीं।
ऑर्डर... डीआईजी ने जांच के लिए संस्थाओं से रिकॉर्ड मंगाया
शुक्रवार को जब बॉबी को खजराना थाने ले जाया गया तो सिपाहियों ने अंदर मौजूद दो आरोपियों से हवालात साफ करवाई, ताकि कुछ ऐसी चीज न रह जाए, जिससे बाद में बवाल हो। उधर पुलिस ने बॉबी के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए उसके तीन साथियों के घरों पर दबिश दी थी। हालांकि वहां से कोई खास दस्तावेज बरामद नहीं हुए हैं। उधर, डीआईजी ने बॉबी के आरोपों की जांच के लिए को-ऑपरेटिव संस्थाओं से रिकॉर्ड बुलवाए हैं। उन्हें जांचने के बाद आरोपियों के नाम या धाराएं भी बढ़ाई जा सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि पुलिस बॉबी के खिलाफ करीब 22 कॉलोनियों में जांच कर रही है, लेकिन पूछताछ में वह सिर्फ 4 सोसायटियों में लेनदेन बता रहा है। उसका कहना है कि आईडीए और निगम में जितनी भी स्कीम आती हैं, उनमें पहले ही सेटिंग हो जाती है। सब अपना-अपना फायदा देख लेते हैं। मुझ पर जिन कॉलोनियों के आरोप हैं, वो कम से कम बची तो हैं, वरना न्याय नगर का हश्र देख लो।
एक्शन... कलेक्टाेरेट से जब्त बॉबी के दखल वाली संस्थाओं का रिकॉर्ड
पुलिस ने शनिवार रात कलेक्टोरेट पहुंचकर बॉबी के दखल वाली सहकारी संस्थाओं का रिकॉर्ड जब्त किया। खजराना पुलिस ने एसडीएम और तहसीलदार से सभी संस्थाओं के दस्तावेज मांगे। इनमें से बॉबी से संबंधित दस्तावेज निकाले। इनकी फोटो कॉपी का सेट तैयार करवाकर टीम ले गई। पुलिस बॉबी के कुछ करीबी लोगों तक भी पहुंचने की तैयारी में है। कुछ समय पहले संस्थाओं के दफ्तरों पर छापे मारे थे। तब बॉबी के मैनेजर सनी भरमाणी के घर से जागृति, देवी अहिल्या सहित 16 संस्थाओं के दस्तावेज मिले थे। साधु सिंह चावड़ा के घर से भी कई संस्थाओं के दस्तावेज जब्त किए थे। संदीप रमानी के खातीवाला टैंक स्थित कार्यालय से भी इन्हीं संस्थाओं से संबंधित फाइलें मिली थीं।