- मध्यप्रदेश में और भी कई विधायक हैं प्रहलाद लोधी जैसे जिन पर है अपराधिक प्रकरण दर्ज
- प्रदेश के 41 फीसदी विधायक कर रहे हैं आपराधिक मामलों का सामना
भोपाल ।मौजूदा भाजपा विधायक प्रह्लाद लोधी को आपराधिक मामले में सजा होने के बाद से मध्य प्रदेश की राजनीति इन दिनों मेरी कमीज तेरी कमीज से ज्यादा साफ की लड़ाई में उलझ गई है। दोनों प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक-दूसरे की कमीज पर लगे दाग ढूंढने में लग गए हैं। इस मामले मेें अगर चुनाव आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश के मौजूदा लगभग सभी राजनैतिक दलों में इस तरह के दागी चरित्र वाले विधायक मौजूद हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा विधानसभा में कुल 41 फीसदी विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
लोधी के बहाने आरोप-प्रत्यारोप
पवई से चुनाव जीते बीजेपी विधायक प्रह्लाद लोधी को भले ही हाईकोर्ट से फौरी राहत मिल गई हो लेकिन बीजेपी और कांग्रेस में एक दूसरे को सबसे बड़ी आपराधिक पार्टी बताने की होड़ तेज हो गई है। 2014 में तहसीलदार से मारपीट के मामले में भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनायी थी। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता शून्य कर दी। भोपाल कोर्ट के फैसले के खिलाफ लोधी हाईकोर्ट गए और वहां से उन्हें फौरी तौर पर राहत मिल गयी।
आया भूचाल
प्रह्लाद लोधी के केस ने मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल सा ला दिया है। बीजेपी तो अब अपने विधायकों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। नई बहस इस बात को लेकर छिड़ गई है कि सबसे ज्यादा अपराधियों को पनाह देने वाली पार्टी कौन सी है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बीजेपी विधायकों को पत्र लिख उन पर दर्ज आपराधिक प्रकरणों का ब्योरा मांगा है। नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों पर लंबित आपराधिक प्रकरणों पर दर्ज एफआईआर की कॉपी सहित मामले की पैरवी करने वाले की भी जानकारी मांगी है। प्रह्लाद लोधी केस में कांग्रेस नेताओं के बयान के बाद पार्टी अलर्ट मोड पर है।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने बीजेपी को अपराधियों की पार्टी करार दे दिया है। संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि बीजेपी तो दागी नेताओं की देखरेख में लगी है। इस तरह के आरोपों से बीजेपी नेता भडक़ उठे हैं। बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा कि बीते पांच दिनों में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के रिश्तेदारों की दबंगई और फिर दर्ज मामलों के बाद साफ है कि उनकी पार्टी में कितने अपराधी हैं।
यह है वास्तविकता
बीजेपी और कांग्रेस भले ही एक दूसरे को अपराधियों की भरमार वाली पार्टी बता रहे हों, लेकिन हकीकत सामने है। चुनाव आयोग में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक विधानसभा में इस बार जीत कर पहुंचे 94 विधायकों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। यानी इस विधानसभा में 41 फीसदी सदस्य दागी हैं। मतलब साफ है कि बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर एसपी-बीएसपी-निर्दलीय हर कोई यहां दागदार है। इनमें कई विधायक तो ऐसे हैं जिन पर हत्या, हत्या की कोशिश, महिला अपराध से जुड़े मामले शामिल हैं। बीजेपी के प्रह्लाद लोधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले पर एक कोर्ट के सजा के ऐलान और फिर रोक ने भले ही नेताओं के बीच बयानबाजी शुरू कर दी हो, लेकिन सवाल ये है कि सियासी दल दागी नेताओं को टिकट क्यों देते हैं।
आपराधिक प्रकरण वाले विधायक और दल
पार्टी विधायक संख्या आपराधिक मामला गंभीर अपराध
कांग्रेस 115 56 28
बीजेपी 108 34 15
निर्दलीय 04 01 01
बीएसपी 02 02 02
सपा 01 01 01
मध्यप्रदेश की विधानसभा में आगे से कुछ कम विधायक ही हैं अपराधी प्रवृत्ति के जितने भी प्रहलाद लोधी की तरह हो सकती है सजा